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6. माना की लंबा है सफ़र, मेरे नाविक धीरे धीरे!

माना की लंबा है सफ़र, मेरे नाविक धीरे धीरे!
आती है सब लहर लहर, मेरे नाविक धीरे धीरे!

धीरे चल मंजिल खुद आए
देख ना आए कोई भंवर, मेरे नाविक धीरे धीरे।

रूठ के अपनो से क्या बैठें?
ले चल वहां भुलावा देकर, मेरे नाविक धीरे धीरे,

खरहा जैसे तेज़ ना चल
चल कछुए की चाल पर, मेरे नाविक धीरे धीरे,

फ़राज़ (क़लमदराज़)
S.N.Siddiqui
@seen_9807
*अधूरे मिसरे प्रतियोगिता 6*

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2 Comments

Swati chourasia

07-Jul-2023 07:23 PM

बहुत खूब 👌👌

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